Money & Time Value understand

जी हाँ - आइए जाने -

 क्या महँगा - क्या सस्ता  

महंगी वस्तुए-  सस्ती-  कैसे हो जाती हैं 

इसे निम्न कहानी से समझते हैं. 

मैं तब 10  साल का था. और मेरी बहुत इच्छा थी की मुझे नयी साईकिल मिल जाये. 
और इसके लिए मैं अपने पापा से कहता रहता था की पापा प्लीज साइकिल ले दो ना। 
पर वो हमेशा कहते की अभी नहीं। 

एक बार मैं अपने पापाजी  के साथ बाजार गया।  वहां साइकिल की दुकान को देख कर, 
और हिम्मत कर उन्हें फिर कहा  - पापा साइकिल ले दो प्लीज्। 

मेरे पापाजी ने कहा "जाओ जाकर पता करो की साइकिल कितने की मिलेगी"

मैं फुर्ती से दुकान पर गया -अपनी पसंद की साइकिल के रेट को पूछा  और पापाजी के पास गया,

उन्होंने पूछा " हाँ कितने की है तुम्हारी नयी साइकिल "

मैंने बताया " 1500 रुपए की "

पापाजी जी ने कहा "सॉरी बेटा बहुत महंगी है।  मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं, मैं नहीं ले पाउँगा " 
अभी बहुत खर्चे सामने हैं जैसे घर खर्च, पढाई का खर्च, वगैरह -

मैंने भी अपना मन मार लिया।

10 साल बाद 
मैं पापाजी के साथ मार्किट जा रहा था और motorcyle का शोरूम दिखा. 

मन में आया, की पापाजी से motorcycle लेने के लिए कहता हूँ 

(और मन में ये भी था की वो लेकर तो  देंगे नहीं - फिर कहेंगे महंगा हैं मैं नहीं ले सकता।  ये ख़र्च है वो खर्च है )

फिर भी  मैंने पापाजी को कहा की "पापाजी मोटरसाइकिल ले लो मेरे लिए"

तो पापाजी ने भी - वो ही कहा "जाओ जाकर पता करो की मोटर साइकिल कितने की मिलेगी"

फिर वो ही स्टाइल - यानि वो भी मुझ से मजे ले रहे थे 

मैं उनके साथ शोरूम गया, वो रिसेप्शन पर बैठ गए 
और मैं सेल्समेन से रेट पूछने गया- उसने बताया - 45000 रुपए 

तौबा 10 साल पहले 1500 रुपए की साइकिल के लिए तो पैसे थे नहीं
 -अब 45000 रुपए - ये तो हो ही नहीं पाएगा- 

बुझे मन से पापाजी के पास गया 

उन्होंने पूछा " हाँ कितने की है मोटर साइकिल "

मैंने बताया " 45000  रुपए की "

पापाजी जी ने कहा "OK आज ही लेनी है या फिर किसी और दिन"

ये सुन कर मैं  भोच्चका रह गया - मुझे विश्वास ही नहीं हुआ

मैंने कहा "आप मजाक तो नहीं कर रहे - मुझे तो लगा की-  आप कहेंगे ये तो बहुत ही महंगी है - जैसे 10 साल पहले साइकिल लेते कहा था  "

पापाजी ने कहा - नहीं बेटा - मैं  मजाक नहीं कर रहा - आज मेरे लिए, ये 45000 रुपए सस्ते हैं उस 10 साल पहले के 1500 रुपए से.

उस समय  मेरी कमाई ज्यादा नहीं थी और इसलिए  मैं साइकिल नहीं दिला  सका, और 1500 रुपए महंगे थे.
पर अब मेरे पास पैसे हैं और इतने हैं की ये 45000 रुपए भी सस्ते हैं

मैं तुम्हे एक बात सीखाता हूँ 

ये जरूरी नहीं की जो - आज तुम्हे महंगा लग रहा है - वो कभी सस्ता नहीं लगेगा

अपनी कमाई इतनी बढ़ाओ - 
की हर महंगी चीज़-  तुम्हे सस्ती लगने लगे