अभी नहीं - मतलब तरक्की भी नहीं


अभी नहीं - मतलब तरक्की भी नहीं

हम सभी अभी नहीं- का इस्तेमाल करतें हैं

जानतें हैं ऐसा क्यों होता है ?

"हे भगवान् मेरी लाटरी निकाल दो", पर लाटरी टिकट लेने के लिए जाना हो तो  - अभी नहीं

"मैं अपने शरीर को फिट रखूँगा - सुबह जल्दी उठूंगा ", पर सुबह उठना हो तो  - अभी नहीं

"मैं कुछ नया सीखूंगा - इससे  मेरी कमाई जरूर बढ़ेगी पर - अभी नहीं

"मैं  अपना काम शुरू करूँगा ", पर काम शुरू करने का सामान जुटाना हो तो  - अभी नहीं

"मैं नयी नौकरी ढूंढूंगा ", जब इंटरव्यू पर जाना हो तो  - अभी नहीं

"मैं नया सूट सिलवाऊंगा - टशन मारूंगा ", पर पहले और कमा ले, या फिट हो जाऊ तब पर - अभी नहीं

अपने बीते समय को पीछे मुड़ कर देखें तो हम सभी - अभी नहीं - का इस्तेमाल करके अपने निर्णय टालते रहें हैं।

जी हाँ - अभी नहीं का मतलब - अपने निर्णय को टालना - या तय न कर पाना होता है।

अब सोचें - आपने जितने भी काम अबतक टालें हैं अगर उन्हें  टाला ना  होता तो, जैसे कि-

अगर अच्छा पढ़ गया होता तो - आज जिंदगी कुछ और होती
अगर वो कोर्स कर लिया होता तो - आज से ज्यादा कमा रहा होता -
अगर वो नौकरी कर ली होती तो आज फॉरेन कंट्री होता -
अगर english speekaing कर ली होती तो सबकी छुट्टी कर देता --और भी न जाने क्या-क्या हो सकता था

मगर फिर भी होता है - अभी नहीं

अब बात आती है कि - आखिर हम टालते क्यों हैं -

क्योंकि हम असफल होने से डरते हैं - नुक्सान के होने से डरते हैं - या यूँ कहें अपने आप को डरा कर रखते हैं

अपने आप को अंदर तक ये समझा रखा है कि कुछ करो मत,

बस चुपचाप बैठे रहो-  कुछ करना नहीं है,  क्योंकि करा तो

या तो तरक्की होगी या असफल, तरक्की होगी वो ठीक है पर असफल नहीं होना इसलिए

अभी कुछ न करो, टाल दो मतलब - अभी नहीं 

आपने जाना - जब किसी काम को करने से - तरक्की भी हो सकती है और असफल भी तो

सिर्फ असफल होने का डर हमने रख लिया और तरक्की होने के आत्मविश्वास को छोड़ दिया 

इस तरह हमने खुद से, असफलता को चुन कर अपने साथ रखा है और तरक्की को छोड़ रखा है

तो बताइये - तरक्की कैसे हो।

अब जाने - असफलता से कैसे जीतें 

1 - अगर कोई रेस हो रही हो और उसमे आप भी दौड़ रहें हो  पर  रेस आधी में छोड़ देते हैं कि
     मेरे से नहीं होगा तो - वास्तव में ये है असफलता

2  - अगर कोई रेस हो रही हो और उसमे आप भी दौड़ रहें है पर रेस में आप पीछे रह जाते हैं
      मगर यहाँ आपने  रेस पूरी  की - अब ये असफलता नहीं हैं

यहाँ जरूरी बात ये है कि आपने ये रेस पूरी की थी। ये बात आपका आत्मविश्वास हमेशा बढ़ाएगी 

परन्तु ऊपर वाली स्थिति में आप अपने आप को दोषी मानेंगे कि काश रेस पूरी कर लेता 

      हर असफलता से  आप ये समझ पातें हैं कि क्या कमी रही और

       उस कमी को दूर कर आप फिर से तैयारी करते हैं

      और ये बात आपको मजबूत  बनाती है

       इसका मतलब -  हर असफलता से - आप अपनी कमियों को जानते हैं उन्हें दूर करते हैं
     
       और  यही  बात आपको जीत जरूर दिलाती है। मतलब आपको तरक्की जरूर दिलाती हैं।

वास्तव में हम कोई भी काम ऐसे ही नहीं करते - 

बल्कि पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लेते हैं, 

दोस्तों रिश्तेदारों से उसके बारे में बातें करते हैं  -और खूब जांच परख करते हैं 

पर उसके बाद भी - अभी नहीं - यानि निर्णय नहीं लेते - ऐसे है जैसे रेस आधी छोड़ दी हो 

हम ज्यादातर निर्णय डर या मजबूरी के प्रेशर में लेते हैं जैसे -

बिजली बिल 3 दिन में जमा नहीं किया तो बिजली कट जायगी - तुरंत जमा होगा
लोन क़िस्त टाइम से जमा नहीं कि तो - मांगने वाले घर आ जायेंगे   - तुरंत जमा होगा
स्कूल फीस समय पर जमा नहीं कि तो - नाम कट जायेगा   - तुरंत जमा होगा
पूरे महीने काम नहीं किया पर नौकरी जाने का डर  आया तो - एक दिन में काम हो जायेगा
सामान मंगवाया पर नहीं लाये - जैसे ही कहा गया कि आज नहीं आया तो खाना नहीं बनेगा तो -तुरंत आयेगा

इसका मतलब - जब कोई टाइम दिया हो तो वो काम का निर्णय हम सबसे पहले लेते हैं

वर्ना हम उसे टालते रहते हैं और इसी को आदत बना लेते हैं -

अब जब भी - पूरी जानकारी ले ली हो, - जाँच परख लिया हो - फिर भी आये - अभी नहीं 

तो आप एक टाइम लिमिट बनाये - सोचे कि इसे जरूर पूरा करूँगा - आधी रेस मैं  नहीं छोडूंगा 

फिर देखें आपको कभी नहीं कहना होगा काश--------

आपकी  सफलताओं का शुभेछुक
संजय माकड़ 
9311226033 
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