your DTP & Designing work
आपके दिन कि शुरुआत -
१- आपने कस्टमर से काम समझा
२- अपने कारीगर को कहा, कि इस कस्टमर का काम, आज शाम को देना है
३- आप मार्किट निकल गए, अन्य काम करने के लिए
४- शाम को कस्टमर का फ़ोन आता है - मेरा प्रिंटिंग का सामान दे दो
तब आप - अपने कारीगर को पूछते हो - इस कस्टमर के काम का क्या हुआ
और कारीगर बताता है - काम नहीं हुआ क्योंकि
१- पेपर नहीं आया था या
२- प्रिंटिंग इंक ख़तम हो गयी थी या
३- गलत सामान पर छप गया
अब आप परेशान - इधर कस्टमर नाराज - उधर आपकी कारीगर से तू- तू- मैं-मैं -
और कमाई बाबाजी का ठुल्लु
पर अब से ये नहीं होगा ! अगर आप इन बातों का ध्यान रखें
1- पक्की बात करना - confirmation
यानि की ऐसा न हो जिससे आप बात करें - उसका ध्यान आप पर हो ही नहीं -
आप अपनी बात कह कर चले जाएँ और बात किसी ने सुनी ही ना हो
- अपने कारीगर या किसी से भी जब बात करें - आमने सामने होकर बात करें - और पूछे उसने क्या समझा
जैसे मोबाइल पर किसी को नंबर देते हैं और देने के बाद पूछते हैं कि क्या नंबर लिखा है - वास्तव में यही पक्की बात है अगर आप ऐसे करतें हैं तो काम पक्का होगा और नुकसान बिलकुल भी नहीं -
- जितना हो सके लिख कर - या लिस्ट बना कर काम करें - और कारीगर के सामने रखें
- हो सके तो बोर्ड दिवार पर लगाएं
- अपने स्टाफ को या कारीगर को साफ़-साफ़ कह दें - किसी भी वजह से काम रुके -
आपको फ़ोन करके उसी समय बताया जाये न कि शाम को पूछने पर
कस्टमर को सही समय दें
- ऐसे ही न कहें - शाम को हो जायेगा - कल ले लेना - जब भी कोई टाइम दें - उसे पहले कैलकुलेट करें -
जैसे छापना - बाइंडिंग करना - जॉब सूखना -आदि सोच विचार करने के बाद -
डिलीवरी का टाइम कस्टमर को दें
- कस्टमर को जरूर कहें कि अपने मैटर को अच्छी तरह चेक कर लें - कहीं कोई गलती न रह जाये
- अगर आप बार बार ऊपर कही बातें कहते रहते हो तो कस्टमर भी - आपको बाद में परेशान नहीं करेगा
- कस्टमर से प्रूफ पर साइन करवा कर - जॉब छपने को दें
- अगर किसी वजह से - आप टाइम पर काम नहीं दे पाएंगे -
तो तुरंत कस्टमर को फ़ोन करें और बताएं कि अब नया समय क्या होगा
- इस तरह कस्टमर नाराज नहीं होता बल्कि आपका साथ देता है
( पर आप ऐसा नहीं करते तो क्या होगा - कस्टमर आपको फ़ोन करेगा - आप आना कानी करेंगे - फ़ोन नहीं उठाएंगे - किसी और को फ़ोन देकर झूठ बुलवायंगे - ये सभी बातें कस्टमर को परेशान करेंगी , और आप पर कस्टमर का भरोसा तोड़ेंगी )
1- पक्की बात करना - confirmation
यानि की ऐसा न हो जिससे आप बात करें - उसका ध्यान आप पर हो ही नहीं -
आप अपनी बात कह कर चले जाएँ और बात किसी ने सुनी ही ना हो
- अपने कारीगर या किसी से भी जब बात करें - आमने सामने होकर बात करें - और पूछे उसने क्या समझा
जैसे मोबाइल पर किसी को नंबर देते हैं और देने के बाद पूछते हैं कि क्या नंबर लिखा है - वास्तव में यही पक्की बात है अगर आप ऐसे करतें हैं तो काम पक्का होगा और नुकसान बिलकुल भी नहीं -
- जितना हो सके लिख कर - या लिस्ट बना कर काम करें - और कारीगर के सामने रखें
- हो सके तो बोर्ड दिवार पर लगाएं
- अपने स्टाफ को या कारीगर को साफ़-साफ़ कह दें - किसी भी वजह से काम रुके -
आपको फ़ोन करके उसी समय बताया जाये न कि शाम को पूछने पर
कस्टमर को सही समय दें
- ऐसे ही न कहें - शाम को हो जायेगा - कल ले लेना - जब भी कोई टाइम दें - उसे पहले कैलकुलेट करें -
जैसे छापना - बाइंडिंग करना - जॉब सूखना -आदि सोच विचार करने के बाद -
डिलीवरी का टाइम कस्टमर को दें
- कस्टमर को जरूर कहें कि अपने मैटर को अच्छी तरह चेक कर लें - कहीं कोई गलती न रह जाये
- अगर आप बार बार ऊपर कही बातें कहते रहते हो तो कस्टमर भी - आपको बाद में परेशान नहीं करेगा
- कस्टमर से प्रूफ पर साइन करवा कर - जॉब छपने को दें
- अगर किसी वजह से - आप टाइम पर काम नहीं दे पाएंगे -
तो तुरंत कस्टमर को फ़ोन करें और बताएं कि अब नया समय क्या होगा
- इस तरह कस्टमर नाराज नहीं होता बल्कि आपका साथ देता है
( पर आप ऐसा नहीं करते तो क्या होगा - कस्टमर आपको फ़ोन करेगा - आप आना कानी करेंगे - फ़ोन नहीं उठाएंगे - किसी और को फ़ोन देकर झूठ बुलवायंगे - ये सभी बातें कस्टमर को परेशान करेंगी , और आप पर कस्टमर का भरोसा तोड़ेंगी )
ऊपर लिखी बातों पर अगर आप अमल करते है तो यकीन माने - कस्टमर आप पर ज्यादा भरोसा करेगा
खुद आपको भी अपने पर विश्वास बढ़ेगा - और आपका व्यापार भी बढ़ेगा