Learn CorelDRAW in Hindi - ये कोर्स क्यों करें ?

प्रश्न -१  यह कोर्स औरो से कैसे अलग है ( इसमें क्या खास बात है ?)

-  जिसके मार्किट में पैसे मिल सकें या आप कमाई कर सके
   ऐसे काम आप इस ट्रेनिंग में सीखते हो -

- इसमें CorelDRAW के टूल के साथ साथ उससे भी जरूरी Colour designging सीखतें हैं 

- इसमें अनुभवी ट्रेनर द्वारा सीखते हो - बार-बार टीचर बदलने की परेशानी नहीं होती। 

- आप अपने टाइम पर सीख सकते हैं 
   (सुबह - रात को - आधी रात को - दिन में कभी भी - यानि कोई बंधन नहीं ) 

- विडियो ट्रेनिंग के वजह से - भूल जाने पर, 
   बार-बार विडियो देखने से समझना आसान हो जाता है। 


- फीस औरो के मुकाबले बहुत कम होने से आप पर खर्च का बोझ नहीं पड़ता यानि affordable होती है। 

- इस कोर्स से सीख कर आप नौकरी या व्यापार करके अपनी कमाई बढ़ा सकतें हैं। 

इस तरह ये ट्रेनिंग, आपके पैसे वसूल कराने वाली है। 

- आप ग्राफ़िक डिजाइनिंग तो सीखते ही हैं साथ ही व्यवहारिक ज्ञान भी सीखते हैं 

    - कस्टमर से कैसे बात करते हैं, 
    - आप मार्किट में औरों से अलग पहचान कैसे बनायेंगे 
    - आखिर कोई आपको काम क्यों दे जबकि पहले से ही आपसे सीनियर लोग काम कर रहें हैं. 
   -  अपना काम कैसे प्रचारित करना है 
   -  मशीन और वर्कर्स को कैसे चुनें  
          - उनसे काम कैसे कराया जाय 
          -  एक अच्छा माहौल कैसे बनाया जाये


प्रश्न -2    कुछ समझ नहीं आता तो - उसका क्या 

- आप मुझे ईमेल ( info.proway@gmail.com ) कर सकते हैं  ( ईमेल करना ट्रेनिंग में सिखाया है )

- आप मुझे फ़ोन ( 09311226033 ) करके या व्हाट्सप  से पूछ सकते हैं 

   अगर फिर भी समझने में परेशानी हो तो 

-  Anydesk software से मैं आपके कंप्यूटर पर  - आपको समझा सकता हूँ 

  (Anydesk ऐसा FREE सॉफ्टवेयर है जो आप कंप्यूटर पर डाल ले तो - मैं आपके कंप्यूटर को देख सकता हूँ यानि आप कंप्यूटर पर जो कर रहें है  उसे देख सकता हूँ और करके दिखा भी सकता हूँ।  इसके लिए इंटरनेट की जरूरत होगी।  

ये सॉफ्टवेयर लेने के लिए  google.com पर जाकर Anydesk सर्च करें या 
इस लिंक पर क्लिक कर डाउनलोड कर सकते हैं       
https://anydesk.com/en


तो इस तरह आप अपने ही घर या ऑफिस में - आसानी से अपने ही टाइम पर सीख सकतें हैं। 

और आपको कहीं आने-जाने कि जरूरत नहीं होती, आने - जाने का खर्च और समय भी बच जाता है


प्रश्न -3   इंस्टिट्यूट जाने पर  स्टूडेंट्स का नुक्सान कैसे होता है 

-  इंस्टिट्यूट की फीस बहुत ज्यादा हो जाती है 

   क्योंकि फीस में  इंस्टिट्यूट के कंप्यूटर, ऑफिस का किराया, बिजली  खर्च भी फीस में होता है. 

-  वहां प्रोफेशनल टीचर भी मुश्किल से मिलते हैं क्योंकि प्रोफेशनल तो ज्यादा सैलरी मांगेगे 

स्टूडेंट्स ये पता नहीं करते की टीचर डिजाइनिंग जानता भी है या नहीं

- आप अपने काम को छोड़ कर - बीच में - क्लास करने जायँगे - शाम के समय - या सुबह सुबह

- बीच में जाना - यानि अपना काम लेबर पर छोड़ना -
   ये तो और भी मुश्किल और नुक्सान वाला काम होता है 


- कुछ दिनों बाद आप जाना छोड़ देते हो - वो कोर्स अधूरा  छोड़ देते हो - 

-  और जो फीस दी उसका  नुक्सान उठाना पड़ता हैं 


प्रश्न -4   - इस  ट्रेनिंग  से  कैसे और आसानी से सीखेंगे 

ये बिलकुल ऐसे है जैसे मैं खुद आपके पास आकर आपको सीखा रहा हूँ 
   
इसे ऐसे समझें 
- अगर मैं आपके घर  आपको सीखा रहा होता तो - आपको  Computer पर कुछ करके दिखाता - तब आप  computer screen को देखते हैं और मेरी सिर्फ आवाज ही सुनते - उसके बाद, जैसे देखा था वैसे ही, आप खुद से करके सीखते, मेरे  जाने के बाद अगर आप  कुछ भूल जाते तब, अगले दिन की क्लास में आप मुझसे पूछते -

- पर अगर मैं उस क्लास की रिकॉर्डिंग करके आपको दे जाता - तो आप कभी भी उस विडियो को चला कर वह बात सीख लेते - और सबसे अच्छी  बात - जब कोर्स पूरा हो जाता तब भी वो विडियो आपके काम आते। 



प्रश्न - ये वीडियो कोर्स डीवीडी में मिलेगा या PENDRIVE में मिलेगा ?
उ - ये वीडियो कोर्स अब 16 GB PENDRIVE में मिलता है,
पहले 3 डीवीडी में मिलता था पर अब डीवीडी का इस्तेमाल बहुत कम होता है
इसलिए PENDRIVE में मिलता है.


प्रश्न - वीडियो कोर्स PENDRIVE हमें कैसे मिलेगी ?
उ - फीस जमा करने के बाद, कोर्स PENDRIVE कूरियर से भेजी जाती है
जो 3 से 5 दिन में आपके घर पहुंच जाती है।
शहर वाले पते के लिए dtdc कूरियर
और गांव, तहसील वाले पते के लिए स्पीड पोस्ट कूरियर से।
(कूरियर का खर्च फीस में ही है अलग से कोई खर्च नहीं देना)

प्रश्न - क्या हम पैकेट मिलने पर फीस दे सकते हैं ?
उ - इस सुविधा को कैश ओन डिलीवरी (cash on delivery ) कहते हैं.
जब कोई ऑफर चल रही होती है तब फीस पहले जमा करनी होती है
अन्यथा कैश ओन डिलीवरी के लिए पहले और अलग से 300 Rs देने होते हैं और
पैकेट मिलने पर वो फीस देनी होती है जो वेबसाइट पर लिखी होती है।